भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो 2025: मेडिकल और वेलनेस टूरिज़्म में भारत की नई वैश्विक पहचान

भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो 2025 में टेलीमेडिसिन, पर्सनलाइज्ड मेडिसिन, डायग्नोस्टिक्स, फार्मा और आयुष को एक मंच पर लाया गया। इस मेगा इवेंट ने भारत को मेडिकल और वेलनेस टूरिज़्म का ग्लोबल हब साबित किया। जानिए कैसे यह आयोजन स्वास्थ्य सेवाओं, रिसर्च, रोजगार और अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए नया अवसर बना।

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Ashish Pradhan

9/29/20251 min read

भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो 2025 – भारत को मेडिकल और वेलनेस टूरिज़्म के वैश्विक हब के रूप में
भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो 2025 – भारत को मेडिकल और वेलनेस टूरिज़्म के वैश्विक हब के रूप में

भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो – मेडिकल और वेलनेस टूरिज़्म में भारत की वैश्विक पहचान
प्रस्तावना

भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने हाल ही में नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी की। इस आयोजन का नाम था “भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो” (Bharat Health Global Expo)। इस मेगा इवेंट ने पूरे हेल्थकेयर इकोसिस्टम – जैसे टेलीमेडिसिन (Telemedicine), पर्सनलाइज्ड मेडिसिन (Personalized Medicine), डायग्नोस्टिक्स (Diagnostics), फार्मा, मेडिकल टेक्नोलॉजी और वेलनेस इंडस्ट्री – को एक ही मंच पर एकत्रित किया।

इस एक्सपो का मुख्य उद्देश्य था – भारत को दुनिया के सामने एक प्रीमियर मेडिकल और वेलनेस टूरिज़्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना।

भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो की पृष्ठभूमि

भारत प्राचीन काल से ही आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा का केंद्र रहा है। आधुनिक दौर में भारत ने सर्जरी, ऑन्कोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी और टेलीमेडिसिन जैसे क्षेत्रों में भी शानदार प्रगति की है।

भारत में इलाज की लागत विकसित देशों की तुलना में 60-70% कम है।

देश के निजी और सरकारी अस्पताल अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं।

विदेशी मरीज भारत को किफायती और गुणवत्तापूर्ण इलाज के लिए चुनते हैं।

इन्हीं सब कारणों को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो का आयोजन किया गया।

एक्सपो में शामिल प्रमुख क्षेत्र

1. टेलीमेडिसिन (Telemedicine) - डिजिटल तकनीक ने स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों की जेब तक पहुँचा दिया है।

टेलीमेडिसिन से मरीज घर बैठे डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।

दूरदराज़ के गाँवों में विशेषज्ञ डॉक्टर की पहुँच आसान हुई है।

भारत के टेलीमेडिसिन प्लेटफ़ॉर्म अब वैश्विक स्तर पर सेवाएँ देने के लिए तैयार हैं।

2. पर्सनलाइज्ड मेडिसिन (Personalized Medicine) - हर व्यक्ति की जीन, जीवनशैली और स्वास्थ्य प्रोफाइल अलग होती है।

इस आधार पर दवाइयाँ और इलाज तय करने की प्रक्रिया को पर्सनलाइज्ड मेडिसिन कहते हैं।

कैंसर, मधुमेह और हृदय रोगों में यह तकनीक बेहद उपयोगी है।

भारत ने इस क्षेत्र में रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स में बड़ी प्रगति की है।

3. डायग्नोस्टिक्स (Diagnostics) - बीमारी का सही और समय पर पता लगना सबसे ज़रूरी है।

भारत में अब अत्याधुनिक लैब्स, स्कैनिंग मशीनें और एआई-आधारित टेस्टिंग विकसित हो चुकी हैं।

एक्सपो में कई स्टार्टअप्स और कंपनियों ने किफायती और तेज़ डायग्नोस्टिक समाधान पेश किए।

4. फार्मास्यूटिकल्स और बायोटेक्नोलॉजी - भारत दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवा निर्माता है। COVID-19 के दौरान वैक्सीन निर्माण में भारत की भूमिका ने वैश्विक पहचान और मजबूत की। इसलिए भारत को “फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड” कहा जाता है।

5. वेलनेस और आयुष (AYUSH) -

आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी – भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रही हैं।

एक्सपो में योग, आयुर्वेदिक थेरेपी और वेलनेस टूरिज़्म को खास तौर पर प्रदर्शित किया गया।

स्पा, हेल्थ रिजॉर्ट और नेचुरल थेरेपी सेंटर्स ने विदेशी प्रतिनिधियों को आकर्षित किया।

मेडिकल और वेलनेस टूरिज़्म में भारत का उदय

भारत आज मेडिकल टूरिज़्म का एक बड़ा केंद्र बन चुका है।

हर साल लगभग 20 लाख विदेशी मरीज भारत आते हैं।

किफायती इलाज, अत्याधुनिक अस्पताल, अनुभवी डॉक्टर और पारंपरिक चिकित्सा – यही भारत की ताकत है।

मलेशिया, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देशों से मुकाबले में भारत अब सबसे आगे निकल रहा है।

जनता को होने वाले फायदे

भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो केवल विदेशी मरीजों के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय जनता के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

  1. नई तकनीकों का लाभ – मरीजों को आधुनिक डायग्नोस्टिक्स और पर्सनलाइज्ड मेडिसिन का फायदा मिलेगा।

  2. रोज़गार के अवसर – हेल्थ टूरिज़्म और मेडिकल सेक्टर में लाखों नई नौकरियाँ पैदा होंगी।

  3. स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता – विदेशी निवेश से अस्पतालों का इंफ्रास्ट्रक्चर और मज़बूत होगा।

  4. ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाएँ – टेलीमेडिसिन और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से गाँवों तक डॉक्टर और दवाइयाँ पहुँचेंगी।

एक्सपो के मुख्य आकर्षण

स्टार्टअप्स की भागीदारी – हेल्थकेयर इनोवेशन में युवाओं ने अपनी तकनीकें दिखाईं।

अंतरराष्ट्रीय डेलीगेशन – 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

B2B मीटिंग्स – भारतीय कंपनियों ने विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी पर चर्चा की।

आयुष पवेलियन – योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा पर लाइव डेमोंस्ट्रेशन हुए।

वैश्विक स्तर पर भारत की छवि

भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो ने यह संदेश दिया कि भारत अब केवल सस्ते इलाज का केंद्र नहीं है, बल्कि यह इनnovation, रिसर्च और संपूर्ण स्वास्थ्य समाधान में भी अग्रणी है।

भारत के डॉक्टरों और अस्पतालों की प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर और मज़बूत हुई।

भारत ने खुद को ग्लोबल हेल्थ हब के रूप में प्रस्तुत किया।

भविष्य की संभावनाएँ
  1. डिजिटल हेल्थ मिशन – भारत सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक का डिजिटल हेल्थ आईडी बने।

  2. इंटरनेशनल हेल्थ सिटी – भविष्य में भारत कई शहरों को मेडिकल टूरिज़्म हब के रूप में विकसित करेगा।

  3. अधिक विदेशी निवेश – स्वास्थ्य क्षेत्र में विदेशी निवेश से रिसर्च और सुविधाएँ और मज़बूत होंगी।

  4. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप – सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँगे।

निष्कर्ष

भारत हेल्थ ग्लोबल एक्सपो केवल एक इवेंट नहीं था, बल्कि यह भारत की स्वास्थ्य शक्ति और क्षमता का प्रदर्शन था। इसने भारत को वैश्विक मंच पर यह साबित करने का अवसर दिया कि यहाँ आधुनिक विज्ञान और पारंपरिक ज्ञान का अद्भुत संगम है।

इस आयोजन ने न केवल भारत की मेडिकल और वेलनेस टूरिज़्म इंडस्ट्री को मजबूत किया बल्कि जनता को यह भरोसा भी दिलाया कि आने वाला समय भारत के लिए स्वस्थ, सुरक्षित और अवसरों से भरा हुआ होगा।

संदर्भ

भारत सरकार – वाणिज्य मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW)

आयुष मंत्रालय (AYUSH)

मेडिकल टूरिज़्म एसोसिएशन ऑफ इंडिया

Disclaimer

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह (Medical Advice) नहीं है। किसी भी चिकित्सा निर्णय के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।

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