दुनिया का सबसे बड़ा मानव स्कैन प्रोजेक्ट: UK Biobank ने 1 लाख लोगों के दिल-दिमाग और शरीर की एडवांस स्कैन पूरी की — स्वास्थ्य विज्ञान में ऐतिहासिक सफलता
ब्रिटेन के UK Biobank द्वारा 1 लाख लोगों के पूरे शरीर—दिमाग, दिल, हड्डियों, लीवर और नसों—के एडवांस स्कैन पूरे कर लिए गए। यह दुनिया का पहला और सबसे बड़ा अध्ययन है जिसने बीमारी शुरू होने से पहले होने वाले बदलावों को स्पष्ट रूप से उजागर किया है। आने वाले वर्षों में यही डेटा कैंसर, दिल की बीमारियों और दिमागी विकारों की शुरुआती पहचान और रोकथाम का सबसे बड़ा आधार बनने वाला है।
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ASHISH PRADHAN
11/22/20251 min read
दुनिया की सबसे बड़ी इमेजिंग स्टडी ने बदल दी बीमारी की समझ
दुनिया में पहली बार किसी देश ने इतने बड़े पैमाने पर मनुष्यों के पूरे शरीर का अध्ययन किया है। ब्रिटेन की प्रसिद्ध शोध संस्था UK Biobank ने 1 लाख लोगों के दिमाग, दिल, हड्डियों, नसों, लीवर, पेट और पूरी बॉडी के एडवांस स्कैन पूरे कर लिए हैं।
यह उपलब्धि न सिर्फ विज्ञान में एक नया अध्याय जोड़ती है, बल्कि आने वाले समय में बीमारियों की पहचान, रोकथाम और मानव स्वास्थ्य की दिशा को भी पूरी तरह बदल सकती है।
इतना बड़ा अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?
अब तक डॉक्टर बीमारियों को जानने के लिए केवल “लक्षण” और “टेस्ट” पर निर्भर रहते थे।
लेकिन इस परियोजना ने पहली बार दिखाया है कि:
बीमारी शुरू होने से पहले ही शरीर में कौन-कौन से ढांचे बदलने लगते हैं
कौन-से आंतरिक बदलाव उम्र के साथ प्राकृतिक हैं
और कौन-से संकेत भविष्य में गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं
इस प्रकार का विस्तृत डेटा दुनिया में पहले कभी उपलब्ध नहीं रहा।
स्कैन कैसे किए गए?
प्रतिभागियों को कई उन्नत उपकरणों से स्कैन किया गया:
MRI स्कैन – दिमाग, दिल, पेड़ू, नसों और बाकी अंगों के लिए
DEXA स्कैन – हड्डियों और शरीर में फैट-मसल के वितरण के लिए
अल्ट्रासाउंड – रक्त प्रवाह और आंतरिक पौष्टिक संरचना के लिए
हर व्यक्ति पर लगभग 5 घंटे की प्रक्रिया हुई।
कुल मिलाकर अब वैज्ञानिकों के पास:
1 अरब से ज्यादा मेडिकल इमेजेज़
प्रतिभागियों की लाइफस्टाइल जानकारी
जीन संबंधी रिकॉर्ड
और लंबे समय से चल रहे स्वास्थ्य डेटा
सब कुछ एक साथ उपलब्ध है।
नए वैज्ञानिक खुलासे: इंसानी स्वास्थ्य के छिपे रहस्य सामने
1. बीमारी आने से पहले ही ‘सूक्ष्म गड़बड़ियाँ’ दिखाई देने लगीं
MRI और स्कैन इमेजेज़ ने यह दिखाया कि शरीर में कई छोटे बदलाव 5-10 साल पहले ही दिखाई देने लगते हैं:
दिल की मांसपेशियों का कठोर होना
दिमाग के कुछ हिस्सों का सिकुड़ना
लीवर में शुरुआती फैटी परिवर्तन
हड्डियों में गिरावट के शुरुआती संकेत
पहले यह सब लक्षण दिखने तक पता नहीं चलता था।
2. इंसान का दिल और दिमाग एक-दूसरे से ज्यादा जुड़े हुए हैं
कई स्कैनों में यह सामने आया कि:
दिल की कमजोरी दिमाग की उम्र को भी तेज कर सकती है
तनाव, अवसाद और चिंता के संकेत दिमाग में भी दिखाई देते हैं
दिल की धड़कन और रक्त प्रवाह दिमाग की तंदुरुस्ती को प्रभावित करते हैं
यह संबंध पहले इतने स्पष्ट नहीं थे।
3. उम्र बढ़ने की असली गति का पता चला
हर व्यक्ति की उम्र कागज़ पर एक होती है, लेकिन शरीर की वास्तविक उम्र अलग हो सकती है।
स्कैनिंग ने दिखाया कि
कुछ लोग 50 के होते हुए भी “40 वाले” जैसे दिखते हैं
और कुछ 40 के होते हुए भी “55 वाले” जैसे दिखते हैं
यह जानकारी भविष्य में व्यक्तिगत देखभाल (पर्सनलाइज़्ड हेल्थकेयर) का आधार बनेगी।
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4. हजारों वैज्ञानिक शोध तेज हुए
UK Biobank के मिले डेटा से अब तक:
1300 से ज्यादा शोध पत्र
हृदय रोग, कैंसर, दिमागी बीमारियों और शुगर पर बड़ी खोजें
एआई मॉडल जो शरीर की “छिपी हुई उम्र” और “बीमारी आने का जोखिम” बताते हैं
यह सब कल्पना से भी तेज गति से हो रहा है।
अगला चरण: 60 हजार लोगों की दोबारा स्कैनिंग
यह अध्ययन अब दूसरे चरण में प्रवेश कर रहा है जिसमें:
पहले स्कैन हुए लोगों का फिर से स्कैन होगा
अंतर की तुलना से पता चलेगा कि 2 से 4 साल में शरीर में वास्तव में कितना बदलाव आता है
कौन-सी बीमारी किस दिशा में तेज बढ़ती है
और कौन से लोग प्राकृतिक रूप से स्वस्थ उम्र बढ़ाते हैं
यह दुनिया का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें दो बार पूरे शरीर की इमेजिंग की जाएगी।
भारत जैसे देशों को इससे क्या सीख मिलती है?
भारत में हृदय रोग, मधुमेह, स्ट्रोक, फैटी लीवर और तनाव से जुड़ी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं।
यह अध्ययन भारत के लिए एक संकेत है कि:
बीमारी को तब पकड़ें जब वह शुरू ही हुई हो
बड़े पैमाने पर हेल्थ स्कैनिंग अभियान चलाए जाएँ
डेटा आधारित नीति (डेटा-ड्रिवन हेल्थ प्लानिंग) बनाई जाए
एआई डायग्नोसिस और डिजिटल हेल्थ मॉडल अपनाए जाएँ
यदि ऐसा किया गया, तो लाखों लोगों की ज़िंदगी बचाई जा सकती है।
भविष्य की दवा: इलाज नहीं, रोकथाम
इस शोध ने दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि:
असली स्वास्थ्य सेवा वह है जो बीमारी आने से पहले रोक दे
इमेजिंग, बायोलॉजिकल डेटा और एआई मिलकर आने वाले 10 वर्षों में हेल्थ केयर का चेहरा बदल देंगे
डॉक्टरों के पास बीमारी को “पहले” देखने का मौका होगा, जो अब तक संभव नहीं था
यह प्रोजेक्ट भविष्य में ऐसी दुनिया बना सकता है जहाँ:
कैंसर की शुरुआत बहुत पहले पकड़ ली जाए
दिल की बीमारी के पहले संकेत देखकर दवाइयाँ समय से दी जाएँ
दिमागी बीमारियों का पता बरसों पहले मिल जाए
और लोग 10–15 साल तक ज्यादा स्वस्थ उम्र जी सकें
निष्कर्ष
मानव इतिहास में पहली बार किसी देश ने इतने बड़े पैमाने पर पूरे शरीर की इमेजिंग को एक साथ जोड़कर देखा है। जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि यह परियोजना सिर्फ स्कैनिंग नहीं है बल्कि यह भविष्य की चिकित्सा का खाका है।
यह दिखाती है कि अगर हम शरीर के अंदर होने वाले छोटे-छोटे बदलावों को समय रहते समझ लें, तो आने वाले समय में कई बड़ी बीमारियों को शुरुआत में ही रोक सकते हैं।
यह अध्ययन साबित करता है कि मानव स्वास्थ्य का भविष्य “पहले पहचानो, फिर बचाओ” पर आधारित होने वाला है।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह (Medical Advice) नहीं है। और न ही निवेश की सलाह है। किसी भी चिकित्सा निर्णय के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।
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