नया विश्लेषण चेतावनी देता है: दिन में 1–5 सिगरेट पीने वाले भी हृदय रोग और समयपूर्व मृत्यु के गंभीर खतरे में
कम तीव्रता से धूम्रपान करने वालों को अक्सर लगता है कि सीमित मात्रा सुरक्षित है, लेकिन एक नए अंतरराष्ट्रीय विश्लेषण ने इसे पूरी तरह गलत साबित कर दिया। रिपोर्ट बताती है कि दिन में सिर्फ 1–5 सिगरेट भी हृदय रोग, स्ट्रोक और समयपूर्व मृत्यु का जोखिम उल्लेखनीय रूप से बढ़ा देती है। मधुमेह और मोटापे के बढ़ते मामलों वाले भारत के लिए यह अध्ययन गंभीर चेतावनी है—धूम्रपान का कोई ‘लो-रिस्क’ स्तर नहीं होता।
MEDICAL NEWS
ASHISH PRADHAN
11/19/20251 min read


कम तीव्रता से धूम्रपान करने वाले भी हृदय रोग और समयपूर्व मृत्यु के अधिक जोखिम में—नया विश्लेषण चेतावनी देता है
प्रस्तावना
हाल ही में प्रकाशित एक व्यापक विश्लेषण में विशेषज्ञों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि कम तीव्रता से धूम्रपान करने वाले, यानी जो दिनभर में केवल 1 से 5 सिगरेट तक पीते हैं, वे भी हृदय रोग, स्ट्रोक, और समयपूर्व मृत्यु के उल्लेखनीय रूप से अधिक जोखिम का सामना करते हैं।
यह अध्ययन—जो वर्ष 2025 के शुरुआती महीनों में अमेरिका और यूरोप के शोध संस्थानों ने संयुक्त रूप से तैयार किया—इस बात पर प्रकाश डालता है कि धूम्रपान का कोई भी “सुरक्षित” स्तर नहीं होता, और कम मात्रा में धूम्रपान करने वाले लोग भी अपने स्वास्थ्य को उतना ही नुकसान पहुँचाते हैं जितना वे लोग जो नियमित रूप से अधिक सिगरेट का सेवन करते हैं।
अध्ययन के शोधकर्ता बताते हैं कि यह जोखिम केवल फेफड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि हृदय की धमनियों में सूजन, रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति और शरीर के ऑक्सीजन लेवल में कमी जैसी अनेक जटिलताओं से जुड़ा हुआ है।
इस लेख में हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि कम-तीव्रता धूम्रपान भी क्यों खतरनाक है, इस विश्लेषण के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं, यह सामान्य नागरिकों के लिए क्या मायने रखता है, और डॉक्टरों व सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की इस विषय पर क्या राय है।
कम-तीव्रता धूम्रपान: आखिर समस्या कहाँ से शुरू होती है?
वर्षों से एक व्यापक धारणा यह रही है कि “अगर मैं ज्यादा नहीं पीता, तो ज्यादा नुकसान नहीं होगा।” यह सोच न केवल वैज्ञानिक रूप से गलत है बल्कि हानिकारक भी। विश्लेषण बताता है कि कम तीव्रता वाले धूम्रपान करने वालों में भी हृदय रोग का खतरा 30% से 50% तक बढ़ जाता है, जबकि समयपूर्व मृत्यु का खतरा भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ जाता है।
डॉक्टरों के अनुसार सिगरेट में मौजूद निकोटिन, कार्बन मोनोऑक्साइड, और फ्री रैडिकल्स हृदय की धमनियों की आंतरिक परत (endothelium) को नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे रक्त परिसंचरण बाधित होता है और धमनियों में वसा जमने की प्रक्रिया (atherosclerosis) तेज हो जाती है।
कम सिगरेट पीने वाले लोग अकसर इस गलतफहमी के शिकार हो जाते हैं कि “थोड़ी सिगरेट शरीर में आसानी से सहन हो जाएगी,” जबकि वैज्ञानिक तथ्य इसके बिल्कुल विपरीत हैं।
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धूम्रपान की कम मात्रा भी हानिकारक क्यों? वैज्ञानिक कारण
1. निकोटिन का प्रभाव
निकोटिन हृदय की धड़कन को तेज करता है, रक्तचाप बढ़ाता है और धमनियों को संकुचित करता है।
यह प्रभाव “डोज-इंडिपेंडेंट” होता है—यानी कम मात्रा में भी नुकसान करता है।
2. रक्त का कम ऑक्सीजन स्तर
सिगरेट का धुआँ कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ाता है, जिससे शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुँचना कम हो जाता है।
3. धमनियों में सूजन और थक्के बनने का खतरा
धूम्रपान फ्री रैडिकल्स बनाता है, जिससे शरीर में सूजन बढ़ती है और खून में थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है।
4. कम मात्रा में धूम्रपान का ‘क्यूम्युलेटिव’ प्रभाव
भले ही कोई व्यक्ति दिन में 2–3 सिगरेट पीता हो, लेकिन यदि यह आदत वर्षों तक चलती है, तो यह प्रभाव एकत्र होकर भारी नुकसान करती है।
मेडिकल एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
डॉ. अनिल मेहता, कार्डियोलॉजिस्ट
“यह सोच कि कम धूम्रपान सुरक्षित है, पूरी तरह से भ्रामक है। एक भी सिगरेट धमनियों पर वही जैविक प्रभाव डालती है जो दस सिगरेट डालती हैं, सिर्फ उसकी तीव्रता अलग होती है—लेकिन नुकसान शुरू वहीँ से हो जाता है।”
डॉ. रुचिका सिंह, पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ
“भारत में मधुमेह और मोटापा पहले ही बहुत बड़े जोखिम कारक हैं। अगर इनके साथ धूम्रपान जुड़ जाए, तो जोखिम तीन गुना तक बढ़ सकता है। इसलिए हमारा संदेश बहुत स्पष्ट है—धूम्रपान छोड़ना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।”
क्या धूम्रपान छोड़ना तुरंत लाभ देता है?
विश्लेषण यह भी बताता है कि धूम्रपान छोड़ने पर शरीर चंद दिनों के भीतर सुधार दिखाना शुरू कर देता है—
24 घंटे में रक्तचाप और हृदय गति सामान्य होने लगती है।
कुछ हफ़्तों में रक्त परिसंचरण बेहतर होता है।
कुछ महीनों में हृदय रोग का जोखिम तेजी से घटता है।
इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि “कम धूम्रपान” छोड़ने में किसी तरह की देरी भी नुकसानदायक हो सकती है।
स्वास्थ्य नीति और भविष्य की संभावना: भारत के लिए क्या मायने?
भारत में तंबाकू सेवन पहले ही एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। कम तीव्रता वाले धूम्रपान के खतरों के इस नए विश्लेषण से यह स्पष्ट हो जाता है कि स्वास्थ्य नीति को अब दो दिशाओं में तेजी से आगे बढ़ना होगा—
भ्रामक धारणा को खत्म करना: कम मात्रा में धूम्रपान भी सुरक्षित नहीं।
रोकथाम और जागरूकता: युवा वर्ग को सबसे अधिक जागरूक करने की आवश्यकता।
भारत में कार्डियोवैस्कुलर रोग पहले ही मृत्यु के शीर्ष कारणों में से हैं। इसलिए इस विश्लेषण के निष्कर्ष आने वाले समय में कैंपेन, पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम और क्लिनिकल गाइडलाइंस में शामिल किए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
कम तीव्रता से धूम्रपान करने वालों में बढ़ते हृदय रोग और समयपूर्व मृत्यु के जोखिम को उजागर करने वाला यह नया विश्लेषण स्पष्ट संदेश देता है कि धूम्रपान का कोई भी स्तर सुरक्षित नहीं होता।
तेजी से बढ़ रहे मधुमेह, मोटापे, और हृदय रोग के मामलों से जूझ रहे भारत के लिए यह अध्ययन चेतावनी भी है और अवसर भी—स्वस्थ समाज की दिशा में दृढ़ कदम उठाने का अवसर।
डॉक्टरों और विशेषज्ञों की सलाह स्पष्ट है—धूम्रपान छोड़ना ही सबसे प्रभावी रोकथाम है, और इसके फायदे तुरंत मिलना शुरू हो जाते हैं।
References / स्रोत
अध्ययन: अंतरराष्ट्रीय हृदय रोग अनुसंधान संस्थान द्वारा 2025 में प्रकाशित संयुक्त विश्लेषण
विशेषज्ञ: डॉ. अनिल मेहता (कार्डियोलॉजिस्ट), डॉ. रुचिका सिंह (पब्लिक हेल्थ)
प्रकाशन तिथि: 2025
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह (Medical Advice) नहीं है। और न ही निवेश की सलाह है। किसी भी चिकित्सा निर्णय के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।
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